आज का सच
कहते है अच्छे बनो,सुच्चे व इमानदार बनो तभी तुम्हे sansaar मै पहचान मिलेगी,तभी लोग तुम्हारी कदर करेंगे.पर आज की दुनिया मै ये sab बेमानी सा लगता है। १०० karoto की आबादी वाले देश मै जाने कितने karoro झुगी झोप्रियो मै रहते है,उनमे से न जाने कितने एषे होंगे जिन्हें सिर्फ साम की रोटी की फिक्र है और इशी फिक्र मै वे जी जान से अपने ही कामो मै लगे रहते है.न ही उनके पास झूट बोलने की फुरसत है और, न ही बेमानी करने के बारे मै सोचने की.फिर क्यों कोई पहचान नही उनकी?किसी का बुरा नही करते इसलिए अच्छे है,झूट नही बोलते इसलिए sacche है,व बेईमानी नही करते इसलिए इमानदार है.फिर क्यों कोई उनकी कदर नही करता?क्यों उनको उनकी इमानदारी,अच्छाई व सुच्चाई पर नोकरी नही दी जाती ? क्यों आज भी उनकी हालत waishe ही है?क्यों आज भी उनके घर मै एक वक्त की रोटी के लाले है? क्युकी saayad आज अच्छाई, सुच्चाई व इमानदारी sab बेईमानी है.आज अच्छा वही है जो आपकी गलतियों मै भी १०० अच्छाई ढूंढे,सुच्चा वही है जो दुश्रो की चुगली कर आपका सच्चा बने और इमानदार वही है जो आपकी बुरइयो मै सामिल होकर अपनी इमानदारी का सुबूत डे.उशी की पहुंच है,उशी का रुतबा,उशी की जान है और उशी की pahchaan उशी को sab आज अच्छा,सच्चा व इमानदार कहते है.हर तरफ उन्ही की कदर है,उन्ही का बोलबाला.
क्यूंकि उन्होने ही टू है sabko sambhala ।
lekhika : कमला भंडारी
Saturday, March 22, 2008
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