Monday, March 10, 2008

CAAH

मुक्त होकर उड़ने की,
है खुले आस्मान को चुने की चाह,
सपनो को साकार करने की
है मंजिल को पाने की चाह,

दम घुटते इस माहोल मै,
है खुली हवा की चाह।
सामाजिक कुरीतियों के बीच,
है एक नई रीति बनने की चाह।
बेटा-बेटी मै भेदभाव करते लोगो को,
है समानता का पाठ पदाने की चाह।
हत्या,बलात्कार,दकेत सांश ले रहे जिस kanoon mei
है उष कानून को बदलने की चाह ।
इक्किश्वे सधी के अशिक्षित लोगो को,
है शिक्षित करने की चाह।
और शिक्षित बेरोजगारों को ,
है रोजगार दिलवाने की चाह।
इस करोरो की अब्धि को,
एक सच्चा,अच्छा,शिक्षित,इमानदार नेता चुनो,
है यही बतलाने की चाह।
और प्यारे नेताओ को ,
उनकी सपथ उनके वायदे याद दिलाने की चाह।
हिंदू,मुस्लिम,सिख,इस्शाई ,
सब आपस मै बही बही ,
लहू एक है लाल रंग का,
है यही दिखाने की चाह।


लेखिका : कमला भंडारी

importance ऑफ़ money


with money u can buy house but not home

with money u can buy medicine but not health

with money u can buy books but not knowledge

with money u can buy everything but sometime nothing

its really very true.

phir bi hum money ke peeche bhag rahe hai why?

GREATEST WONDER




EVERY DAY MEN SEE CREATURES DEPART TO YAMA'S KINGDOM,

AND YET,

THOSE WHO REMAIN WANT TO LIVE FOR EVER.

THIS TRULY IS THE GREATEST WONDER.

KNOW THE BEST


The best day-----Today

The best play-----Work

The greatest puzzle-----Life

The greatest mystery----Death

The greatest need-----Common sense

The best teacher-----One who makes you want to learn

The biggest fool------The person who will not go to school

The finast thing in the world-----Love

HAPPINESS

****** HAPPINESS *******


WHAT IS HAPPINESS?
DO U KNOW?
Happiness is a flower,which spreads its fragrance to all over the world.How can the people get the flower of happiness.Who have never suffered fron the pain of life.Only the man who have seen all the problems,and bearing with problems can take the flower of happiness.The man who suffered from the pain of life,know very well what is happiness.If you want to get happiness then awake.Come out,try to handle the problem and get the happiness which is like a flower of rose,in which thorns are with that rose in the form of pain.



VALUE OF HINDI



आज की पीडी अंग्रेजी बोलने मे अपनी सां समज्ती है ,पर वो भूल गई

है की हम हिन्दुस्तानी है .मे ये नई कह रही की ओ अंग्रेजी ना

बोले ,पर हिन्दुस्तानी होने के नाते kam से कम हिन्दी बी तो

बोले .आज के नेताओं को ही देख लीजिये ,हर जगह अंग्रेजी ही bolte

है .पर हिन्दी दिवस आते ही हिन्दी को आगे बढाने के लिए कई

योजनाये बना देते है .सबसे हिन्दी बोलने व लिखने की अपील करते

है पर हिन्दी दिवस जाते ही फिर अपने रंग मे आ जाते है .तो जनता

फिर क्यो ना उनका अनुकरण करे .पर इशी अनुकरण के कारण कुछ

लोग तो बहुत आगे निकल जाते है पर कुछ पीछे ही छूट जाते है और

हीन भावना के सिकार हो जाते है

ये ब्लॉग लोगो को हिन्दी के प्रति जागरूक करेगा .हम सभी को कुछ

ऐशी कोशिश करनी होगी .