सुन्दरता शब्द आज धीरे - धीरे अपने मायने खोता जा रहा है । जिश देश मै कभी कहा जाता था---सत्यम ,सिवम , सुन्दरम । आज उष देश ने सुन्दरता के मायने बदल दिए है। सुन्दरता
का अर्थ आज दिखावा मात्र है . एक इंसान पूर्ण रूप से सुंदर तभी माना जाता है जब तन के साथ - साथ उसका मन भी सुंदर हो, पर लोग आज केवल तन की सुन्दरता को ही देखते है, वो
भी औरत की . आज आप किशी भी दूकान ,रेस्तोरांत या ऑफिस मै चले जाइए ,आपको हर जगह महिलाए ही नजर आएँगी. ये हमारे लिए बहुत खुशी व गर्व की बाट है की आज समाज हमे
इतना सुम्मान डे रहा है . पर क्या ये सिर्फ औरत की काबिलियत की वजह से मिल रहा है. नही . बल्कि उसकी तन की सुन्दरता की वजह से भी.ज्यादातर दूकानदार ,रेस्तुरेंट , ऑफिस वाले
आज महिलाओं को मात्र एक सो पीक भर समजते है. इसलिए एक choti सी दूकान मै भी ५ - ५ महिलाए नजर आती है.
आज की महिलाए ये सब जानती है ,समज्ती है पर फिर भी घर से बाहर काम पर जाती है. आख़िर वह बेचारी भी क्या करे कब तक अपने आपको घर की चारदीवारी मै kaid करके
rakhe . और वहा भी to वह सुरक्षित नही है . वह भी आज puruso की तरह अपना एक मुकाम हासिल करना चाहती है. वह भी खुली हवा मै सांश लेना चाहती है, दुनिया को देखना चाहती
है . और जब उशे पता है की घर की चारदीवारी भी उश्के लिए सुरक्षित नही है तू वो बेचारी भी क्या करे ,निकल पड़ती है अपने लिए ने राह तलाशने इश उम्मीद पर की कभी न कभी तू
पुरुषो का यह समाज उशे व उश्के mahatva को samjhega . और आज लगी है वह इशी कोशिश मै. पर पुरुषो का ये समाज उशे महज उष गुड की तरह मानता है जिषे देखकर मक्खिया
ख़ुद बा ख़ुद चली आती है. me मानती hu की फीमेल को बोलने का , बाट को समझने का अच्छा सलीका होता है परन्तु आज लोग उसके सलीके को देखने के बजाय उसकी जिस्म पर najre
गडाये रखते है.अब saadi की baat को ही ले लीजिये-------यदि लड़की सर्व गुन संपन हो और केवल तन की सुन्दरता ना हो तू उशे स्वीकार नही किया जाता .
लड़को की ---सुन्दरता पर उतना ध्यान नही दिया जाता जितना लड़की की सुन्दरता पर.यही कारण है की आज कॉस्मेटिक का बाजार फल - फुल रहा है ,हर गली - मोह्हाले मै ब्यूटी पार्लर
नजर आ रहे है. लड़का चाहे कितना भी बदसूरत क्यों ना हो पर उशे सुंदर लड़की ही चाहिए ,कितना काला क्यों ना हो उशे गोरी ही चाहिए, कितना ही उमर्दराज क्यों ना हो उशे कमसिन ही
चाहिए. अगर दुल्हा - दुल्हन की baat करे to अगर दुल्हा सुंदर नही है to १०० लोग बोलेंगे ----(की दूल्हा सुंदर नही है). परन्तु अगर दुल्हन सुंदर ना हो तू (१००० लोग बोलते है की दुल्हन
सुंदर नही है). saadi का आधा खर्च to दुल्हन के सामान पर ही खर्च हो जाता है.क्या करे मज्बोरी है न. क्युकी माँ- बाप किसी भी कीमत पर ये नही चाहते की कोई उनकी बेटी को koi
कुछ बुरा कहे. आज समाचार पत्र को ही उठा कर देख लीजिये ----------------------------------लड़का भले ही कैसा क्यों न हो उशे सुंदर ,सुशील ,grah-karya dax ,पड़ी-लिखी व कार्य
करने वाली वधु ही चाहिये और साथ मै दहेज़ अलग. क्यों hota जा रहा है हमारा आज का समाज एषा ?
हमे इशे रोकना ही होगा .सुमझ्ना होगा की हमारी भी betiya , बहन , भतीजी , भांजी ,पोती , माँ ,दादी , नानी है. और ये सब औरते ही है. हम केवल किसी एक लड़की को नही सता
रहे है ,केवल एक लड़की पर गन्दी नजर नही daal रहे है, केवल किसी एक की आबरू नही लूट रहे है , किसी एक को आग मै नही झुलसा रहे है, किसी एक को मरने पर मजबूर नही कर रहे
है और ना ही किसी एक को प्रताडित नही कर रहे है बल्कि पुरी औरतजात को प्रताडित कर रहे है. हमे समझना होगा की सही मायने मै सुन्दरता का अर्थ क्या है , एक औरत का mahatva क्या है ?waishe सुन्दरता की बाट करू to आज लड़के सुंदर लड़की इसलिए नही चाहते की उन्हें
सुंदर लड़किया पसंद है या अच्छी लगती है बल्कि ज्यादा इसलिए चाहते है की जब वे उसके साथ चले to उनका सर गर्व से ऊँचा हो जाए की उनके साथ सुंदर लड़की चल रही है ,अर्थात आज
वे उशे महज दिखावे के लिए इस्तेमाल कर रहे है . पर उन्हें सायद यह पता नही है की औरत कोई दिखावे की चीज नही है. सुन्दरता सभी को अच्छी लगती है . मुझे ,आपको और सबको .
पर अगर भगवान् ने बनाया ही एषा है to क्या करे . एक सेलिब्रिटी to सायद अपने आपको पैसो के बल पर सुंदर बना भी ले पर एक आम आदमी कहा से करे ये सब ? उश्के बस मै जितना
होता है उतना to वो करता ही है ना. और क्या तन की सुन्दरता ही to सुब कुछ नही होती . नही ना ,बल्कि मन की सुन्दरता ज्यादा मायने रखती है .पर क्या करे हमे dikhaawe की
आदत जो पड़ गई है.
माना आज आप सुंदर स्त्री को आपना जीवन साथी बनाते है पर इसकी क्या गारेंती है की उसके तन की सुन्दरता हमेशा बही रहे . waishe भी समय के साथ - साथ तन की सुन्दरता
ख़ुद बा ख़ुद ख़त्म हो जाती है और भगवान् न करे कल कुछ हो जाए to tub आप क्या करेंगे ? क्या अपने बसे - बसाए घर को उजाड़ देंगे ? अपने साथी को अकेला छोड़ दोगे जिसने हर पल
आपका साथ दिया ? नही ना . to क्यों आप उशे आज अपनाना नही चाहते ? तन की सुन्दरता रहे ना रहे पर मन की सुन्दरता जीवन-भर बनी रहती है. जबसे सुन्दरता के मायने बदले है
तबसे लड़कियों मै आत्महत्या की प्रवृति बढ़ रही है . कई लड़किया अवि-वाहित रह जाती है, kai को अच्छा घर- परिवार नही मिल पाटा. अब to लड़कियों की संख्या भी दिनों - दिन घटती जा
रही है. लोग लड़की पैदा करने से डरने लगे है .पहले केवल दहेज़ की वजह से डरते थे अब सुन्दरता भी एक बड़ी वजह बन गई है. क्यूंकि अगर लड़की सुंदर ना हुई to क्या होगा?
ये सब समस्याये केवल लड़की के साथ हो रही है . अगर कोई कहे नही केवल लड़की के साथ नही to मै कहूँगी की फिर क्यों माँ - बाप लड़की के पैदा होने पर उतना खुश नही होते जितना
लड़के के पैदा होने पर? अगर परिवार मै कोई समस्या आ जाए to क्यों केवल लड़की को पदाही छोड़ने के लिए कहा जाता है ? है कोई जवाब ? आज लड़की हर काम कर सकती है फिर भी
क्यों लड़के को badhawa दिया जाता है? मै सभी लोगो से कहना चाहती hu की एक औरत की कदर करे ,तन की सुन्दरता के साथ - साथ मन की सुन्दरता व उसके गुडो का भी सुम्मान
करे .अगर कोई लड़की/औरत सुंदर है तू उसकी सुन्दरता की कदर करे ना की उसकी सुन्दरता को अपनी ग़लत नजरो से दागदार करे .और जिश दिन हम औरत की सुन्दरता की कदर करना
सीख जायेंगे ,सही मायने मै उशी दिन सुंदर शब्द का सही अर्थ समझ पायेंगे.
तू लड़कियों यदि तुम तन से सुंदर हो to बहुत ही अच्छी बाट है पर अपना मन भी सुंदर रखो ,और वो जो तन से bahle ही सुंदर ना हो पर मन सुंदर है बहुत सुंदर (जो उन्हें भी मालुम है,
उनकी अन्तर-आत्मा कहती है यह उनसे )
to बिना झिजक गर्व से कहो हा "mai सुंदर hu ".................................................................बहुत सुंदर । मत दरो किसी से , मत झुको किसी के सामने , मत सर्माओ किसी से, मत हो depression की सिकार , मत ghuto अन्दर ही अन्दर ,मत मह्सुश करो हीन-भावना , ना ही सरम महसूस करो किसी के सामने , मत खोवो अपना कांफिदेंस की तन सुंदर नही है।
मन को सुंदर करो ,विचारों को सुंदर करो , मन का मेल हटाओ फिर देखो कितने सुंदर दिखते हो तुम . तन की सुन्दरता वाला फीका पड़ जायेगा तुम्हारे सामने (यदि उसका मन सुंदर नही है)।
तुम ही तुम chaa जावोगे हर जगह .tan की सुन्दरता to भगवान् के हाथ है पर मन की सुन्दरता to हमारे ही हाथ है । बस मन सुंदर करो और जोर से चिल्ला कर कहो हा "MAI SUNDAR HU " बहुत सुंदर.
I M BEAUTIFUL
लेखिका : कमला भंडारी
Sunday, March 30, 2008
LAWS OF LOVE
Universal Law Of Love: " Love Can Neither Be Created Nor Be Destroyed; Only It Can Transfer From One Girlfriend To Another Girlfriend With Some Loss Of Money "
First Law Of Love:" A Boy In Love With A Girl, Continue To Be In Love With Her And A Girl In Love With A Boy, Continue To Be In Love With Him, Until Or UnlessAny External Agent(Brother Or Father Of The Gal) Comes Into Play And Break The Legs Of The Boy. "
Second Law Of Love:" The Rate Of Change Of Intensity Of Love Of A Girl Towards A Boy Is Directly Proportional To The Instantaneous Bank Balance Of The Boy And The Direction Of This Love Is Same To As Increment Or Decrement Of The Bank Balance. "
Third Law Of Love:" The Force Applied While Proposing A Girl By A Boy Is Equal And Opposite To The Force Applied By The Girl While Slapping
First Law Of Love:" A Boy In Love With A Girl, Continue To Be In Love With Her And A Girl In Love With A Boy, Continue To Be In Love With Him, Until Or UnlessAny External Agent(Brother Or Father Of The Gal) Comes Into Play And Break The Legs Of The Boy. "
Second Law Of Love:" The Rate Of Change Of Intensity Of Love Of A Girl Towards A Boy Is Directly Proportional To The Instantaneous Bank Balance Of The Boy And The Direction Of This Love Is Same To As Increment Or Decrement Of The Bank Balance. "
Third Law Of Love:" The Force Applied While Proposing A Girl By A Boy Is Equal And Opposite To The Force Applied By The Girl While Slapping
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