Friday, November 14, 2008

One women can change anything . Many women can change everything.

6 comments:

sandeep said...

Ya,
gals came in a man life & change evrything....

hahaha

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' said...

आप का ब्लाग बहुत अच्छा लगा।
मैं अपने तीनों ब्लाग पर हर रविवार को
ग़ज़ल,गीत डालता हूँ,जरूर देखें।मुझे पूरा यकीन
है कि आप को ये पसंद आयेंगे।

Safarchand said...

So the difference is of ONE versus MANY. But why only women? Kamla Bhadari ji why we cant think in terms of humanbeings...why to compartmentalise on the basis of gender?
Main hindi mein nahi likh paa rahaa hoon lekin swatantrata ki baat karni hai to lust,greed, selfishness ke bondage se freedom ki baat karein....ye kaise hooga ?

Akhilesh pal blog said...

aap ka blog achha laga

seema prakash said...

आपको साधुवाद है, बहुत अच्छा लिखा है।
kamla bhandari naam ko sarthak kar rahi hain aap bhi manu ji ki tarah.

kabhi www. jan-sunwai.blogspot.com par dekhiyega they also touch heart.

Avinash Mudgil said...

जल्दी ही हमारे ब्लॉग की रचनाओं का एक संकलन संभावित है. मैं आपको पढता रहा हूँ, अच्छा लगता है.

सादर आमंत्रण आपको... ताकि लोग हमारे इस प्रकाशन के द्वारा आपकी सर्वश्रेष्ट रचना को हमेशा के लिए संजो कर रख सकें और सदैव लाभान्वित हो सकें.

हमसे प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से जुड़े लेखकों का संकलन छापने के लिए एक प्रकाशन गृह सहर्ष सहमत है. हमें प्रसन्नता होगी इस प्रयास में आपका सार्थक साथ पाकर, यदि संभव हो सके तो आपके शब्दों को पुस्तिकाबद्ध रूप में देखकर.

सादर, संवाद की अपेक्षा में... जन सुनवाई

अधिक जानकारी हेतु लिंक http://jan-sunwai.blogspot.com/2011/09/blog-post.html