So the difference is of ONE versus MANY. But why only women? Kamla Bhadari ji why we cant think in terms of humanbeings...why to compartmentalise on the basis of gender? Main hindi mein nahi likh paa rahaa hoon lekin swatantrata ki baat karni hai to lust,greed, selfishness ke bondage se freedom ki baat karein....ye kaise hooga ?
जल्दी ही हमारे ब्लॉग की रचनाओं का एक संकलन संभावित है. मैं आपको पढता रहा हूँ, अच्छा लगता है.
सादर आमंत्रण आपको... ताकि लोग हमारे इस प्रकाशन के द्वारा आपकी सर्वश्रेष्ट रचना को हमेशा के लिए संजो कर रख सकें और सदैव लाभान्वित हो सकें.
हमसे प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से जुड़े लेखकों का संकलन छापने के लिए एक प्रकाशन गृह सहर्ष सहमत है. हमें प्रसन्नता होगी इस प्रयास में आपका सार्थक साथ पाकर, यदि संभव हो सके तो आपके शब्दों को पुस्तिकाबद्ध रूप में देखकर.
सादर, संवाद की अपेक्षा में... जन सुनवाई
अधिक जानकारी हेतु लिंक http://jan-sunwai.blogspot.com/2011/09/blog-post.html
I m down to earth n want to become a successful person. I CAN HANDEL ALL SITUATIONS. I want freedom .Freedom for everything.For writing,for telling ,for asking n doing something. THATS Y I CREATED MY BLOG. HERE I CAN DO EVERYTHING .EVERYTHING I WANT TO DO.
NOBUDDY CAN UNDERSTAND ME SO WHAT I WANT TO UNDERSTAND ONLY MYSELF. BEING A HUMAN BEING IT'S MY DUTY THAT I WILL DO SOMETHING ,SOMETHING FOR MYSELF AND MY COUNTRY. and i m trying for this LET'S SEE ......................
6 comments:
Ya,
gals came in a man life & change evrything....
hahaha
आप का ब्लाग बहुत अच्छा लगा।
मैं अपने तीनों ब्लाग पर हर रविवार को
ग़ज़ल,गीत डालता हूँ,जरूर देखें।मुझे पूरा यकीन
है कि आप को ये पसंद आयेंगे।
So the difference is of ONE versus MANY. But why only women? Kamla Bhadari ji why we cant think in terms of humanbeings...why to compartmentalise on the basis of gender?
Main hindi mein nahi likh paa rahaa hoon lekin swatantrata ki baat karni hai to lust,greed, selfishness ke bondage se freedom ki baat karein....ye kaise hooga ?
aap ka blog achha laga
आपको साधुवाद है, बहुत अच्छा लिखा है।
kamla bhandari naam ko sarthak kar rahi hain aap bhi manu ji ki tarah.
kabhi www. jan-sunwai.blogspot.com par dekhiyega they also touch heart.
जल्दी ही हमारे ब्लॉग की रचनाओं का एक संकलन संभावित है. मैं आपको पढता रहा हूँ, अच्छा लगता है.
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सादर, संवाद की अपेक्षा में... जन सुनवाई
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