क्यों करते हो हम लड़कियों पर बंदिसे
क्या बिगाड़ती हम तुम्हारा
देखो , प्यार से कहती हूँ साथ चलो
खुद भी जियो और हमे भी जीने दो
जो "गुस्सा" हमे आ गया
तुम्हारे अत्याचारों का घडा भी अब भर गया
कर जायेंगे हम भी वो सबकुछ
जो तुम "mardjaat" ने कभी सोचा भी न होगा ।
2 comments:
kamla aapne achchhi kavita likhi hai
aapne fehmida riyaj aur taslima nasreen ki yad d dila di.behtareen kavita k liye THANKS
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