मै आजाद हूँ कुछ कहने के लिए , कुछ करने करने के लिए . हाँ मै आजाद हूँ कुछ समझने के लिए , कुछ समझाने के लिए ।
Monday, May 12, 2008
क्या आप कर सकते है इनकार ?
इस बात से कतई इनकार नही किया जा सकता की आज के कंप्यूटर - आधारित समाज मै हम इंजिनीअर तो बखूबी बना पायेंगे , लेकिन लेखक और कलाकार नही । यानी हम एक ऐसा समाज बनायेंगे , जहा न विचारो की कोई भूमिका होगी और न संवेदना के लिए कोई जगह।
I m down to earth n want to become a successful person. I CAN HANDEL ALL SITUATIONS. I want freedom .Freedom for everything.For writing,for telling ,for asking n doing something. THATS Y I CREATED MY BLOG. HERE I CAN DO EVERYTHING .EVERYTHING I WANT TO DO.
NOBUDDY CAN UNDERSTAND ME SO WHAT I WANT TO UNDERSTAND ONLY MYSELF. BEING A HUMAN BEING IT'S MY DUTY THAT I WILL DO SOMETHING ,SOMETHING FOR MYSELF AND MY COUNTRY. and i m trying for this LET'S SEE ......................
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