Tuesday, March 11, 2008

पहार मेरे पहार



मै पहाडी हू । इसलिए मुझे पहाड़ बहुत अच्छे लगते है । हर कोई इन पहारो की तरफ़ आकर्षित है । देश के ही नई विदेशी बी। इतने खूबसूरत की देखने वाले बी देखते ही रह जाए । बहुत पास से देखा है मेने इन पहारो को। उनमे रहने वाले लोगो को और जंगली जानवरों को । आज हर कोई आता है यहा। खूबसूरती देखता है ,घूमता है ,मस्ती करता है फिर चला जाता है । पर वो ये नही जानता की इतने खूबसूरत दिखने वाले इन पहारो की हकीकत क्या है? जो इस पहारो मै रहता है वही जान सकता है इनकी हकीकत को। कही पानी नही है तो कही बिजली नही है ,कही सड़क नही है तो कही हॉस्पिटल नही है। पानी के लिए आज बी लोगो को कई किलोमीटर पेदल जाना पड़ता है। पक्की सड़क नही होने के कारण एक गाओ से दुसरे गाव पेदल ही जाना पड़ता है । रात को घर से बाहर निकले तो डर लगता है की कही जंगली जानवर अपना sikaar ना बना ले। रोज कोई ना कोई घटना होती ही रहती है ।यहाँ किसानों की हालत बी कुछ ख़ास अच्छी नही है । क्या बात करू इनकी। पुरी जिंदगी खेती करते है पर कुछ बि नही मिलता। कुछ नही रहता इनके पास । पूरा एक दिन एक ही खेत मै hal लग paataa है। trucktar चला नही सकते। क्या करे मज़बूरी है । और ना ही कोई ऐशी सुबिधाये है की वो खेती आसानी से कर सके। यहा आज बी लोग जादू -टोन मै बहुत ही विश्वास करते है ,इतना की उनके बारे मै क्या कहू। इन सबका प्रमुख कारनहै सुबिधाओ का ना होना । आज के सैन्तिफिक्क यौग मै भी पाहारो के लिए कोई सुभिधा नही है। सरकार भी इस तरफ़ कोई धान नही दे रही। मेने ही देखा है अपनी आंखो से की एक सड़क मेरी माँ के ज़माने से बन रही है और अबी तक पुरी नई बन पाई है । जबकि मेरी माँ ५० + पार कर चुकी है । सरकार से पूछो तो कहते है कर रहे है । क्या एषे कर रहे है?सो अब पक्का यकीं हो गया है की वो कुछनही कर सकती और न करना छाती है ना ही करेगी । अब हमे ही खडा होना होगा । आज पहार के लोग ऊँचे पदों पे है । बहुत तेज दिमाग है यहाँ ,तो क्यो हम ख़ुद कुछ नही कर सकते ? अपने पहार से यदि हमे प्यार है तो कुछ करना ही होगा।पहार तो विदेशो मै भी है पर वहा तो सुब सुविधाये है । बस है,ट्रेन है ,क्या क्या नही है वहा । और जब वहा हो सकता है तो हमारे यहाँ क्यो नही । सब मिलके कदम बढाये ,पहार को और खूबसूरत और सुबिधाओ से सजाये । जय हो पहार की जय पहरी की ।


लेखिका : कमला bhandari